1
प्रथम भाव - लग्न/तनु भाव
रिश्तेदार:
स्वयं, जीवनसाथी की सास, बड़े भाई का जीवनसाथी
शुभ फल:
लग्नेश बलवान हो तो आत्मविश्वास, व्यक्तित्व में तेज, स्वास्थ्य अच्छा और रिश्ते मजबूत
अशुभ फल:
राहु/शनि/मंगल लग्न को पीड़ित करें तो अहंकार, स्वास्थ्य समस्या, आत्मविश्वास में कमी
🛡️ उपाय
दान:
लाल कपड़ा, गुड़, तांबा (मंगलवार को)
मंत्र:
"ॐ हं हनुमते नमः" (108 बार प्रतिदिन)
रत्न:
माणिक्य (सूर्य बल हेतु) या पन्ना (बुध दोष हेतु)
📌 विशेष जानकारी:
प्रथम भाव व्यक्तित्व, शारीरिक बनावट और जीवन दृष्टिकोण का कारक है। सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार से इस भाव को बल मिलता है।
2
द्वितीय भाव - धन/कुटुम्ब भाव
रिश्तेदार:
परिवार, दादी, जीवनसाथी का परिवार, नाना-नानी
शुभ फल:
धन संचय, मधुर वाणी, पारिवारिक सुख, नेत्र ज्योति तीव्र
अशुभ फल:
कटु वाणी, परिवार में विवाद, धन हानि, नेत्र रोग
🛡️ उपाय
दान:
चावल, दूध, श्वेत वस्त्र (सोमवार को)
मंत्र:
"ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः" (शुक्रवार को)
रत्न:
मोती (चंद्रमा), हीरा/ओपल (शुक्र)
📌 विशेष जानकारी:
द्वितीय भाव वाणी, धन और कुटुम्ब का कारक है। तुलसी पूजा और गाय को हरा चारा देने से इस भाव को बल मिलता है।
3
तृतीय भाव - सहज/पराक्रम भाव
रिश्तेदार:
छोटे भाई-बहन, पड़ोसी, सहकर्मी
शुभ फल:
साहस, पराक्रम, भाई-बहनों से प्रेम, छोटी यात्राओं में सफलता
अशुभ फल:
भाई-बहनों से झगड़ा, साहस की कमी, संचार में बाधा
🛡️ उपाय
दान:
हरी मूंग, हरे वस्त्र (बुधवार को)
मंत्र:
"ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः"
रत्न:
पन्ना (Emerald)
📌 विशेष जानकारी:
तृतीय भाव साहस, लेखन कला और संचार का कारक है। गणेश जी की पूजा और दुर्वा अर्पण से इस भाव को बल मिलता है।
4
चतुर्थ भाव - सुख/मातृ भाव
रिश्तेदार:
माता, मातृकुल, मौसी, नानी
शुभ फल:
मातृ सुख, घर-वाहन सुख, मानसिक शांति, संपत्ति लाभ
अशुभ फल:
माँ से दूरी, घर में अशांति, वाहन दुर्घटना, मन अशांत
🛡️ उपाय
दान:
दूध, चावल, सफेद मिश्री (सोमवार को)
मंत्र:
"ॐ चंद्राय नमः" (सोमवार को 108 बार)
रत्न:
मोती (Pearl)
📌 विशेष जानकारी:
चतुर्थ भाव माता, घर, वाहन और मन की शांति का कारक है। माता की सेवा और चांदी के पात्र में जल पीने से इस भाव को बल मिलता है।
5
पंचम भाव - पुत्र/विद्या भाव
रिश्तेदार:
संतान, भतीजे-भतीजियाँ, शिष्य
शुभ फल:
संतान सुख, विद्या में सफलता, मंत्र सिद्धि, प्रेम संबंध सफल
अशुभ फल:
संतान सुख में कमी, विद्या में बाधा, प्रेम में असफलता
🛡️ उपाय
दान:
हल्दी, केसर, पीला वस्त्र (गुरुवार को)
मंत्र:
"ॐ बृं बृहस्पतये नमः" (गुरुवार को)
रत्न:
पुखराज (Yellow Sapphire)
📌 विशेष जानकारी:
पंचम भाव बुद्धि, संतान और पूर्व पुण्य का कारक है। सरस्वती पूजा और ब्राह्मणों को भोजन देने से इस भाव को बल मिलता है।
6
षष्ठ भाव - शत्रु/रोग भाव
रिश्तेदार:
मामा, सास का भाई, सौतेले संबंधी
शुभ फल:
शत्रुओं पर विजय, रोगों से मुक्ति, ऋण से छुटकारा, सेवा में सफलता
अशुभ फल:
मुकदमेबाजी, शत्रुता, रोग, कर्ज की समस्या
🛡️ उपाय
दान:
हरी मूंग, दुर्वा, मसूर दाल (बुधवार/शनिवार को)
मंत्र:
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" (108 बार)
रत्न:
गोमेद (Hessonite), नीलम (सावधानी से)
📌 विशेष जानकारी:
षष्ठ भाव शत्रु, रोग और प्रतिस्पर्धा का कारक है। हनुमान जी की पूजा और कुत्तों को रोटी देने से इस भाव के दोष दूर होते हैं।
7
सप्तम भाव - कलत्र/विवाह भाव
रिश्तेदार:
जीवनसाथी, ससुराल पक्ष, व्यापारिक साझेदार
शुभ फल:
सुखी वैवाहिक जीवन, व्यापार में लाभ, साझेदारी में सफलता
अशुभ फल:
दाम्पत्य कलह, ससुराल से तनाव, साझेदारी में धोखा
🛡️ उपाय
दान:
इत्र, वस्त्र, शहद, सफेद मिठाई (शुक्रवार को)
मंत्र:
"ॐ शुक्राय नमः" (शुक्रवार को 108 बार)
रत्न:
हीरा / ओपल (Diamond/Opal)
📌 विशेष जानकारी:
सप्तम भाव विवाह और साझेदारी का कारक है। गौरी-शंकर की पूजा और सुहागिनों को श्रृंगार का सामान देने से इस भाव को बल मिलता है।
8
अष्टम भाव - आयु/मृत्यु भाव
रिश्तेदार:
ससुराल पक्ष, जीवनसाथी के भाई-बहन
शुभ फल:
दीर्घायु, गुप्त विद्या में सफलता, विरासत में धन, तंत्र सिद्धि
अशुभ फल:
अकाल कष्ट, अपमान, गुप्त रोग, दुर्घटना का भय
🛡️ उपाय
दान:
काला तिल, तेल, उड़द दाल (शनिवार को)
मंत्र:
"ॐ नमः शिवाय" (महामृत्युंजय मंत्र भी)
रत्न:
गोमेद (Hessonite), लहसुनिया (Cat's Eye)
📌 विशेष जानकारी:
अष्टम भाव आयु, गुप्त विद्या और परिवर्तन का कारक है। शिव पूजा और पीपल वृक्ष की पूजा से इस भाव के दोष शांत होते हैं।
9
नवम भाव - भाग्य/धर्म भाव
रिश्तेदार:
पिता, गुरु, बड़े भाई, ससुर
शुभ फल:
भाग्योदय, धर्म में रुचि, विदेश यात्रा, उच्च शिक्षा में सफलता
अशुभ फल:
पिता से मतभेद, भाग्य में बाधा, धर्म से विमुखता
🛡️ उपाय
दान:
गेहूं, तांबा, लाल वस्त्र (रविवार को)
मंत्र:
"ॐ घृणि सूर्याय नमः" (सूर्योदय के समय)
रत्न:
माणिक्य (Ruby)
📌 विशेष जानकारी:
नवम भाव भाग्य, धर्म और पिता का कारक है। विष्णु सहस्रनाम का पाठ और पीले फूलों का दान इस भाव को बल देता है।
10
दशम भाव - कर्म/राज्य भाव
रिश्तेदार:
चाचा, मामा, सास, पिता (कर्म संबंध)
शुभ फल:
करियर में सफलता, सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, सरकारी लाभ
अशुभ फल:
कार्यक्षेत्र में बाधा, अपमान, पद हानि, बेरोजगारी
🛡️ उपाय
दान:
सरसों का तेल, काला वस्त्र, लोहे की वस्तु (शनिवार को)
मंत्र:
"ॐ शं शनैश्चराय नमः" (शनिवार को 108 बार)
रत्न:
नीलम (Blue Sapphire - केवल विशेषज्ञ सलाह से)
📌 विशेष जानकारी:
दशम भाव कर्म, व्यवसाय और सामाजिक स्थिति का कारक है। शनि देव की पूजा और कौवों को खाना देने से इस भाव को बल मिलता है।
11
एकादश भाव - लाभ/आय भाव
रिश्तेदार:
बड़े भाई-बहन, मित्र, जीजा-साली
शुभ फल:
आर्थिक लाभ, मित्रों का सहयोग, इच्छा पूर्ति, सभी प्रकार के लाभ
अशुभ फल:
मित्रों से धोखा, भाई-बहनों से दूरी, आय में कमी
🛡️ उपाय
दान:
गुड़, हल्दी, पीला वस्त्र, चना दाल (गुरुवार को)
मंत्र:
"ॐ बृं बृहस्पतये नमः" (गुरुवार को)
रत्न:
पुखराज (Yellow Sapphire)
📌 विशेष जानकारी:
एकादश भाव सभी प्रकार के लाभ और आय का कारक है। केले के वृक्ष की पूजा और गुरुवार व्रत से इस भाव को बल मिलता है।
12
द्वादश भाव - व्यय/मोक्ष भाव
रिश्तेदार:
मामा, विदेश में रहने वाले रिश्तेदार, पूर्वज
शुभ फल:
मोक्ष प्राप्ति, विदेश यात्रा में सफलता, आध्यात्मिक उन्नति, शयन सुख
अशुभ फल:
अत्यधिक खर्च, विदेश में कष्ट, नींद में कमी, अस्पताल के खर्चे
🛡️ उपाय
दान:
काला तिल, जूते, कंबल (शनिवार/मंगलवार को)
मंत्र:
"ॐ केतवे नमः" (108 बार प्रतिदिन)
रत्न:
लहसुनिया (Cat's Eye)
📌 विशेष जानकारी:
द्वादश भाव मोक्ष, विदेश और व्यय का कारक है। विष्णु जी की पूजा और मछलियों को आटे की गोलियां देने से इस भाव के दोष शांत होते हैं।